अहमदाबाद : गुजरात सरकार ने कोरोना से प्रभावित राज्य की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए 14,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की। इसके तहत उपभोक्ताओं बिजली शुल्क में राहत, कर में छूट तथा कारोबारियों और दुकानदारों को ऋण सब्सिडी दी जाएगी। इस पैकेज द्वारा सरकार ने एक बड़े वर्ग के लोगों तथा कारोबारियों को राहत देने का प्रयास किया गया है।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने पूर्व केंद्रीय वित्त सचिव हसमुख अढिया की अगुवाई वाली एक समिति की सिफारिशों के आधार पर समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को पैकेज के जरिये राहत की घोषणा की है। रूपाणी ने बताया कि, ‘हमने राज्य के आर्थिक पुनरोद्धार के लिए समिति की नियुक्ति की थी। समिति ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट दे दी है। जिस पर पिछले चार दिन के दौरान गहनता से विचार करने के बाद हमने 14,000 करोड़ रुपये का गुजरात आत्मनिर्भर पैकेज देने का फैसला किया है।
रुपाणी द्वारा की गई मुख्य घोषणाए
100 यूनिट तक के बिजली बिल माफ होंगे, जिससे 92 लाख ग्राहकों को 650 करोड़ की राहत।
छोटे व्यापारियों को बिजली बिल में 5 प्रतिशत की राहत, अगस्त तक बिजली शुल्क 20 के बजाय 15 प्रतिशत लिया जाएगा।
6 महीने तक रिक्शा व टेक्सी का रॉड टेक्ष नहीं लिया जाएगा, इससे 63000 वाहन मालिकों को मिलेगा फायदा।
टेक्षटाइल उधोगो के लिए 450 करोड़ की सबसिडी।
मेगा इंडस्ट्रीज को 150 करोड़ की सबसिडी दी जाएगी।
1200 करोड़ का GST रिफंड जुलाई तक चुकाया जाएगा।
24 लाख किसानों को जीरो प्रतिशत पर लोन मिलेगा।
मछुआरों को साधन खरीदने के लिए 200 करोड़ दिए जाएंगे।
जरूरतमंद छोटे व्यापारियों को 4 प्रतिशत में 2.50 लाख का लोन दिया जाएगा, जिसके ब्याज भुगतान के लिए 300 करोड़ का प्रावधान
आदिवासी श्रमिको को मकान बनाने के लिए 35000 रुपये दिए जाएंगे।
सरकारी बस के लिए 120 करोड़ रुपये का प्रावधान
कोरोना रिसर्च व मरीजों के लिए खास 100 करोड़ का प्रावधान
सालाना प्रोपर्टी टेक्ष में 20 प्रतिशत की राहत मिलेगी।