सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के कानून मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडासमा कि याचिका पर नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. साथ ही 2017 का निर्वाचन कदाचार और हेराफेरी के आधार पर रद्द करने के हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी अपील में चूडासमा ने हाई कोर्ट का आदेश निरस्त करने का अनुरोध करते हुए दलील दी है कि यह फैसला गलत है.
59अपील में तर्क दिया गया है कि हाई कोर्ट इस तथ्य को समझने में विफल रहा कि इस चुनाव में पराजित कांग्रेस के प्रत्याशी अश्विन राठौड़ ने किसी भी मुद्दे पर कोई ठोस और भरोसेमंद साक्ष्य पेश नहीं किया. बीजेपी नेता ने अपनी अपील में कहा है कि इसलिए गुजरात विधानसभा के लिए 14 दिसंबर, 2017 को हुए चुनाव में ढोलकिया सीट से वह विधिवत निर्वाचित घोषित किए जाने के हकदार नहीं थे.
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के कानून मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडासमा कि याचिका पर नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. साथ ही 2017 का निर्वाचन कदाचार और हेराफेरी के आधार पर रद्द करने के हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी अपील में चूडासमा ने हाई कोर्ट का आदेश निरस्त करने का अनुरोध करते हुए दलील दी है कि यह फैसला गलत है.
मालूम हो कि गुजरात हाई कोर्ट ने मंगलवार को राज्य की बीजेपी शासित सरकार में मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडासमा के 2017 के चुनाव को कदाचार और हेरफेर के आधार पर खारिज कर दिया था. जस्टिस परेश उपाध्याय ने 2017 के गुजरात विधानसभा चुनावों में 327 वोटों के अंतर से ढोलका निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी नेता की जीत को चुनौती देते हुए कांग्रेस उम्मीदवार अश्विन राठौड़ द्वारा दायर एक याचिका पर पारित आदेश में भूपेंद्र सिंह चुडासमा का चुनाव रद्द किया था.