राजकोट : शहर के कोविड-19 अस्पताल में अनूठे तरीके से उपचार किया जाता है। अभी आइसोलेशन वोर्ड में 7-8 बच्चों का इलाज चल रहा है। इस दौरान बच्चों को मां की कमी न हो इसका खास खयाल भी रखा जाता है। यहां की नर्स बच्चों के लिए मां बनकर उसे कहानी भी सुनाती है। बहरहाल एक 11 दिनों की बच्ची समेत दो बच्चों की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उसे छुट्टी दे दी गई है। बाकी बच्चें अपने परिवार को भूलकर खुशी-खुशी अपना ईलाज करवा रहे है।
अपने बच्चों को घर पे छोड़कर फर्ज निभानेवाली नर्स बच्चों के लिए यशोदा मां बन गई है। 25 अप्रैल को ही फिनाजबेन नामक महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। वह गर्भवती होने पर दूसरे ही दिन उसका सिजेरियन किया गया। और संक्रमण न हो इसलिए नवजात को तुरंत ही माता से अलग कर दिया गया। मासुम की रिपोर्ट तो निगेटिव आई, लेकिन स्वाभाविक रुपसे उसे मां की कमी महसूस हो रही थी। ऐसे में यहां की नर्से मां बनकर उसकी देखभाल कर रही है।
यहां फर्ज निभा रही नर्स मोनिकाबेन जेठवा ने बताया कि, मासुम का अपनी मां से मिलना संभव नहीं था। ऐसे में हम उसकी माता के पास जाते है। और उनका एक्सप्रेस्ड दूध प्रति घंटे मासुम को चम्मच से पिलाते है। अभी उसका कोई नाम नहीं रखा जाने के कारण हम उसे ‘बाबो’ बुलाते है। इतना ही नहीं नहलाने के साथ उसका डायपर भी हम बदलते है। जब वह जग रहा होता है तब उसको गोदी में उठाकर मां की तरह गाना गाकर सुलाते है। ताकि मासुम को मां की कमी महसूस न् हो।