गुजरात : शाही ठाठ के साथ सीएम की मौजूदगी में मांधातासिंह का राज्याभिषेक, बने तीन वर्ल्ड रिकॉर्ड
राजकोट : शाही ठाठ के साथ मुख्यप्रधान रुपाणी की मौजूदगी में राजवी परिवार के युवराज मांधातासिंहजी जडेजा का राज्याभिषेक किया गया। मांधातासिंहजी जडेजा राजकोट के 17 वे राजा बन गए है। परंपरागत रीतिरिवाजों से चल रहे इस समारोह के चलते पूरे शहर में राजाशाही माहौल छाया है। 27 जनवरी से चल रहे समारोह में तीन वर्ल्ड रिकॉर्ड बनने के कारण राजकोट का मान बढ़ा है।
2126 राजपूत भाई-बहनों ने बनाया तलवार रास का रिकॉर्ड
गुजरात में गरबा का अनूठा महत्व है। इसमें राजपूत समुदाय द्वारा किया जानेवाला तलवार रास देशभर में हंमेशा से आकर्षण का केंद्र रहा है। मांधातासिंहजी के राजतिलक समारोह के तहत 28 जनवरी को शहर के ड्राइव इन सिनेमा ग्राउंड में परंपरागत तलवार रास का आयोजन हुआ। जिसमें 2126 राजपूत भाई-बहनों ने परंपरागत पोशाक में 9.49 मिनट तलवार रास लेकर ग्रीनिज बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया था।
31 तीर्थजल, 100 मुलिया, 14 प्रकार की मिट्टी से जलाभिषेक का रिकॉर्ड
राजतिलक समारोह के तहत जलाभिषेक का रिकॉर्ड दर्ज हुआ। जिसमें 31 तीर्थजल, 100 मुलिया समेत 14 प्रकार की मिट्टी से 51 ब्राह्मणों द्वारा मांधातासिंह का अभिषेक किया गया था। 14 मिट्टी में सोमनाथ समुद्र, गौशाला, बैल के पैर, रथ के पहिये, राजमहल, पीपल के पेड़, गिरनार स्थित अंबाजी मंदिर और हाथीदांत से ली गई मिट्टी शामिल की गई। इस प्रकार जलाभिषेक करने से राजा के शरीर में देवी देवताओं का निवास होने की परंपरागत मान्यता है। लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस द्वारा इस अनूठे जलाभिषेक का रिकॉर्ड दर्ज किया गया।
पहलीबार 5000 से ज्यादा दीप जलाकर राजचिन्ह बनाने का रिकॉर्ड
राज्याभिषेक की पूर्व संध्या को विविध समुदाय के 300 से ज्यादा लोगों द्वारा दीप जलाए गए। जिसमें 5000 से ज्यादा दीप जलाकर राजकोट के राजवी परिवार का राजचिन्ह बनाया गया था। 450 साल के इतिहास में पहलीबार दीप के माध्यम से किसी राजवी परिवार का राजचिन्ह बनाया गया। जो अपने आप में रिकॉर्ड है। जिसके चलते लंदन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने यह रिकॉर्ड दर्ज कर मांधातासिंह जडेजा को इसका सर्टिफिकेट सौंपा था।