पीएम मोदी के शौचालय अभियान की धज्जियां, दो साल में ही हो गए खंडित
सिलवासा : स्वच्छ भारत अभियान के तहत देशभर में लाखों शौचालय बनाए गए थे। लेकिन सिलवासा में इस अभियान की धज्जियां उड गई है। जिला पंचायत द्वारा गांवों में निर्मित शौचालय दो वर्ष में खंडित हो गए हैं। घटिया निर्माण सामग्री, कमजोर गुणवत्ता, पानी की कमी और गड्ढ़ों की कम गहराई से यहां के शौचालय उजड़ जाने के कारण किसी उपयोग लायक नहीं रहे है।
30 हजार में बनने थे, बना दिए 15 हजार रुपए में
जिला पंचायत ने स्वच्छ भारत के तहत आर्थिक रूप से गांवों में 15 हजार की लागत में 16 हजार घरों में शौचालय बनाकर लाभार्थियों को दिए थे। पहले तो शौचालय निर्माण के लिए 30 हजार रुपए निर्धारित थे। बाद में यह राशि घटाकर आधी कर दी गई। इतनी अल्प राशि से शौचालय के लिए पर्याप्त ईंट और रेती नहीं खरीदी जा सकती। इसी कारण सिर्फ दो सालों में ही लगभग सारे शौचालय खंडित हो चुके है।
ग्रामीणों ने लकड़ी एवं घासफूस रखना शुरू कर दिया
लाभार्थियों का कहना है कि शौचालय के साथ पानी की व्यवस्था नहीं की गई। घटिया सामग्री प्रयुक्त होने से अधिकांश शौचालय मरम्मत मांगने लगे हैं। रूदाना, मांदोनी, सिंदोनी ग्राम पंचायतों में पानी की कमी से शौचालयों का उपयोग नहीं हो रहा है। कई जगहों पर तो तीन फीट गहरे, तीन फीट चौड़े गड्ढे में शौचालय बनाए गए है। और निकासी भी नहीं दी गई है। इसी कारण शौचालयों में ग्रामीणों ने लकड़ी एवं घासफूस रखना शुरू कर दिया है।