गुजरात में मानव तस्करी का भंडाफोड़ : रैकी के बाद छापा मारकर पुलिस ने 125 बच्चों को मुक्त करवाया
सूरत : शहर के पुणा क्षेत्र से मानव तस्करी के रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। राजस्थान और सूरत पुलिस ने दस दिनों की रैकी के बाद छापा मार इस मामले का भंडा फोड़ दिया है। साथ ही राजस्थान के गांवो से मजदुरी के लिए लाए गए 125 से अधिक बच्चो को मुक्त भी करवाया है। साडिय़ां और ड्रेस मेटरियल्स पर वेल्यू एडिशन के लिए इन बच्चों से मजदूरी करवाई जा रही होने की हकीकत प्राथमिक जांचमे सामने आई है।
संवाददाता के मुताबिक, राजस्थान स्टेट कमिशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स तथा बचपन बचाओ एनजीओ को सूचना मिली थी कि, राजस्थान-गुजरात की सीमा के गांवों से मानव तस्करी कर बच्चों सूरत लाया जा रहा है। और इनमें से कई बच्चों से पूणा क्षेत्र की विभिन्न सोसायटियों में मजदूरी करवाई जा रही है। इस सूचना के आधार पर रविवार सुबह दिल्ली पुलिस, सेंट्रल आइबी की टीम, राजस्थान तथा सूरत पुलिस और एनजीओ के पदाधिकारियों द्वारा मिलकर छापा मारा गया।
पुलिस ने पूणा की हरिधाम सोसायटी और विवेकानंद सोसायटी में छापा मारकर मजदूरी के लिए लाए गए 125 बच्चों को मुक्त करवाया है। साथ ही इन बच्चों से मजदूरी करवानेवाले कुछ लोग और दलालों को भी हिरासत में लेकर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरु की है। पुलिस के मुताबिक, इन बच्चों से साडिय़ां तथा ड्रेस मटेरियल्स पर वेल्यू एडिशन का काम करवाया जा रहा था। और सभी बच्चों की उम्र 10 से 16 वर्ष के बीच है। अब उन्हें राजस्थान ले जाया जाएगा।
बच्चो से करवाया जाता था वेल्यू एडिशन का काम
साडिय़ों पर वेल्यू एडिशन करने से उनकी कीमत दो से तीन गुना बढ़ जाती है। वेल्यू एडिशन का काम करने वाले लोग कम मजूदरी चुकानी पड़े इसलिए बच्चों से यह काम करवाते है। राजस्थान-गुजरात की सीमा के गांवों से कुछ दलाल इन बच्चों को सूरत लाते थे। और यहां इन बच्चों से साडिय़ों पर स्टॉन लगाने, लेसपट्टी वर्क जैसा काम करवाया जाता था। दस दिनों से पूणा क्षेत्र की सोसायटियों में रैकी कर सबूत जुटाने के बाद पुलिस ने यह छापा मारा था।